मध्य रात्रि कालीन प्रार्थना और दिन के किसी भी समय की प्रार्थना से क्यों भिन्न है ?
✍ मध्य रात्रि कालीन प्रार्थना का महत्त्व रात्रि 12 बजे से 4 बजे सुबह तक की प्रार्थना में मसीहियों को जागरूक रहना चाहिए।
✍ इस समय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Body immune system) बिलकुल कम (Lowest) हो जाती है।
✍ ये वो समय है जबकि बहुत सारे मरीज अस्पतालों में मर जाते हैं। और यही वो समय है जब दुष्टात्माएं अपने चरण आक्रमक प्रभाव में पेट्रोलिंग करती हैं।
✍ और ये वो समय है जब मसीहियों को इन दुष्टात्माओं से छुटकारों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
✍ इन्ही घंटों में हमें प्रार्थना में मजबूत बनना चाहिए।
भजन सहिता 119:62 में दाउद ने कहा :-
“तेरे धर्ममय नियमों कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूंगा।”
भविष्यद्वक्ता होने के नाते दाउद अर्धरात्रि की प्रार्थना का महत्त्व जानता था।
✍ इसराइल के बेटों की गुलामी के 430 वर्ष बाद ( पश्चात ) फिरौन बादशाह ने इस्राइलियों को छोड़ने पर मजबूर हो गया, जब तक की उस दिन तक परमेश्वर ने मध्यरात्रि को अपना निर्णय न दिया।
“और ऐसा हुआ कि आधी रात को यहोवा ने मिस्र देश में सिंहासन पर विराजनेवाले फिरौन से लेकर गड़हे में पड़े हुए बन्धुए तक सब के पहिलौठों को, वरन पशुओं तक के सब पहिलौठों को मार डाला।” निर्गमन 12:29
✍. देखो ये प्रभु का स्वर्गदूत है, जिसने सारे पहिलौठों को मध्यरात्रि में मार डाला।
✍ यदि हम आगे देखो मध्यरात्री में बहुत आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व हम देखते हैं पौलुस और सिलास जेल में सताव के दौरान बंद थे ।
परन्तु अर्धरात्रि में पौलुस और सिलास प्रार्थना की और स्तुति भजन गाया ईश्वर के लिए प्रेरितों के काम 16:25 और परमेश्वर के स्वर्गदूत ने उन्हें आज़ाद किया।
✍ मध्यरात्रि के समय बचाव का समय है, भाइयों ।
✍ हमारे मामले मध्यरात्रि के समय शत्रुओं के द्वारा सुलझाए जाते हैं जब हम आराम करते होते हैं, जैसा की हम 2 राजा 6:13,14 में देखते है आराम देश का राजा एलिशा भविष्यद्वक्ता को रात में पकड़ लेना चाहता था ।
“राजा ने कहा, जाकर देखो कि वह कहां है, तब मैं भेजकर उसे पकड़वा मंगाऊंगा। और उसको यह समाचार मिला कि वह दोतान में है।”
“तब उस ने वहां घोड़ों और रथों समेत एक भारी दल भेजा, और उन्हों ने रात को आकर नगर को घेर लिया।”
✍ इसलिए क्योंकि रात में अंधकार की ताकतें राज्य करती हैं।
✍. 2 राजा 19:35 से 37 अश्शूर का राजा सन्हेरीब के 1,25,000 सैनिकों को परमेश्वर के स्वर्गदूत ने एक रात में मार डाला।
“उसी रात में क्या हुआ, कि यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा, और भोर को जब लोग सबेरे उठे, तब देखा, कि लोथ ही लोथ पड़ी है।”
“तब अश्शूर का राजा सन्हेरीब चल दिया, और लौटकर नीनवे में रहने लगा।”
“वहां वह अपने देवता निस्रोक के मन्दिर में दणडवत कर रहा था, कि अदेम्मेलेक और सरेसेर ने उसको तलवार से मारा, और अरारात देश में भाग गए। और उसी का पुत्र एसर्हद्दॊन उसके स्थान पर राज्य करने लगा।”
✍ घोषणा करो कि शैतान की सेना रात्रि कर समय जब तुम प्रर्थाना करो तो परास्त (पराजित) हो जाए।
✍. जिस तरह शिमशोन आधी रात तक पड़ा रह कर आधी रात को उय्ह कर नगर के फाटक के दोनों पल्लो को उखाड़ डाला न्यायियों 16:3
“परन्तु शिमशोन आधी रात तक पड़ा रह कर, आधी रात को उठकर, उस ने नगर के फाटक के दोनों पल्लों और दोनो बाजुओं को पकड़कर बेंड़ों समेत उखाड़ लिया, और अपने कन्घों पर रखकर उन्हें उस पहाड़ की चोटी पर ले गया, जो हेब्रोन के साम्हने है।।”
उसी तरह हमे भी आधी रात को प्रार्थना कर के शैतान और उसकी सेना को उखाड़ फेंकना है और शैतान पर जय प्राप्त करना है
✍. प्रार्थना के द्वारा शैतान के साम्राज्य को उखाड़ फेंकना
✍. याद रखिये मत्ती 25:6 के मुताबिक दूल्हा आधी रात को आएगा और हम उस समय प्रार्थना में जागते पाए जाएगे तभी दुल्हे से भेट करने पाएंगे
“आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उस से भेंट करने के लिये चलो।”
1 Peter 4:7 (HIN) सब बातों का अन्त तुरन्त होनेवाला है; इसलिए संयमी होकर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
Luke 21:36 (HIN) इसलिए जागते रहो और हर समय प्रार्थना करते रहो कि तुम इन सब आनेवाली घटनाओं से बचने, और मनुष्य के पुत्र के सामने खड़े* होने के योग्य बनो।”
आज मध्यरात्रि में प्रार्थना कीजिये
उसके साथ इस सन्देश को शेयर करें जिन्हें आप चाहते हैं कि इस पीढ़ी के लोग योद्धा बने
रात में उठ कर प्रार्थना करें
प्रभु यीशु आपको आशीष देवे आमीन
प्रभु यीशु मसीह में आपका सेवक
