“पाँचवा आयाम” आत्मिक मंडल में जाना

“हथौड़ा गलत धारणाओं को तोड़ता है”

(………….क्या मेरा वचन आग सा नहीं है? फिर क्या वह ऐसा हथौड़ा नहीं जो पत्थर को फोड़ डाले? यिर्मयाह 23:29)

पाँचवा आयाम

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यदि आप खुश हैं उस फल के साथ जिसे आपके पर्यावरण और परिवार में ‘चर्च’ कहा जाता है तो इसे मत पढना। इमानदारी से यह मजाक नही है कि इसे पसन्द किया जाए यदि आप प्रवृत है खुश रहने के लिए उन चीजों के साथ जैसी वे हैं तो गंभीरता पूर्वक इसे न पढ़ें। यह आपको परेशानी देने के लिए नहीं है कि आप इसे पढ़ें। यह एक इमानदार बिनती है कि इसे आप न पढ़ें। फिर भी यदि आप कुछ अंतर द्रष्टी या परिज्ञान ढूंढ रहे है जैसे कि मसीह की देह का जीवन, परमेश्वर के साथ गहरे सम्बन्ध का मार्ग दिखा सकता है – और यदि इच्छा कर रहे हैं कोई भी मूल्य चुकाने के लिए, उसके प्रगट किये गए जीवन के मोती के लिए, तब प्रार्थना पूर्वक नीचे दिए गये समानता (ANALOGY) या विवरण को पढ़ें।

हमारी निर्धारित की गई गतिविधियों के साथ समस्या

कैसे कोई मूल समस्या की व्याख्या कर सकेगा यदि वह धार्मिक सभा या बाइबल अध्ययन या अराधना करे जो कि नियमित समय-सारणी या अनुसूची पर आधारित हो। क्या क्रिस्चियन कार्यक्रमों का हर हफ्ते या हर महीने एक पूर्व निश्चित समय पर होना – इसमें कोई समस्या है? यह हमारे समाज तथा पीढ़ी में करीब – करीब सार्वभौमिक (विश्वव्यापी) प्रथा है। एक आत्मिक कार्यक्रम को हर — मंगलवार 7 बजे या सप्ताह के अंत की सुबह 9 बजे हर हफ्ते करने के साथ क्या गलत है। क्यों वो इसहाक के बजाये इश्माइल के मार्ग को दिखाता और जीवन के बजाये खमीर। नियमित समय सारणी की धार्मिक चीजें क्यों बड़ी समस्या उत्पन्न करती हैं। हम बात कर रहें हैं उन कार्यक्रमों या घटनाओं की जिनका सम्बन्ध सेवा, खोज, करना अथवा परमेश्वर के बारे में सीखना है। क्यों यह एक निश्चितता है कि नियमित-समय सारणी से परमेश्वर की चीजें कमजोर और हानिकारक हैं। परमेश्वर की छाया से एक (ANALOGY) का प्रयोग करना, एक रास्ता है वर्णन करने का वो यह है —– यह स्पष्ट है कि दूसरा आयाम पहने आयाम पर नियंत्रण करता है। एक रेखा अपने ऊपर के सभी बिन्दुओं पर नियंत्रण करती है।

एक हवाई जहाज का अपने ऊपर के सभी बिन्दुओ तथा रेखाओ पर अधिकार होता है। तीसरा आयाम दुसरे पर नियंत्रण करता है। दुसरे आयाम के सभी क्षेत्र तीसरे आयाम की अधीनता में होते हैं। इसी रीती से भौतिक दुनियावी चीजें जो कि तीसरे आयाम से सम्बन्धित हैं वो चोथे आयाम (समय) के अधीन हैं। समय का कार्य उष्णता तथा यंत्र क्रिया सम्बन्धी शास्त्र का दूसरा नियम है। और इस तथ्य को प्रगट करता है कि यह भौतिक विश्व और इसके तीन आयाम चौथे आयाम द्वारा शासित किये जाते हैं और यह चौथा आयाम समय है।

हम कह सकते है कि आत्मिक क्षेत्र पांचवा आयाम है। यह ऊपर या नीचे नहीं है। आप आत्मिक क्षेत्र को टेलिस्कोप द्वारा या धरती में गहरा गड्ढा खोद कर नही पा सकते। न ही ये साधारणत: अद्रश्य है हमारी आँखों के लिए क्योंकि हमारी आँखे अल्ट्रावायलेट तरंगों को नही देख सकती जहाँ आत्मिक क्षेत्र होता है। आत्मिक क्षेत्र अनदेखा है क्योंकि यह एक अन्य या दूसरा आयाम है। यह एक ऐसे क्षेत्र में है जिसे मनुष्य के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले यंत्रों से (जो कि तीसरे आयाम में होते हैं) नही मापा जा सकता।

जैसा कि बाइबल कहती है हम भी इसे कहते हैं – स्वर्गीय क्षेत्र, पांचवा आयाम। जहाँ – फ़रिश्ते, राज सिंहासन का कक्ष, बहुत सारे भवन, स्वर्ग और तीसरा स्वर्ग है जिसका वर्णन पौलुस द्वारा किया गया।

सभी वस्तुए जो दिखाई देने वाले विश्व से सम्बंधित है उन्हें बाहरी तौर पर नियमित किया जाए यह देखना बहुत आसान है इसमें इतना खतरा नही जितना कि प्राथमिक तौर केवल अवसरों के द्वारा प्रभु से बात करने की कोशिश करना। यह सिर्फ एक शार्टकट है सबसे सर्वोच्च रास्ते को पाने के लिए तीसरा आयाम चौथे आयाम द्वारा शासित किया जाता है। हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए कि उच्च आयाम से सम्बंधित प्रार्थना, अराधना या बाइबल अध्ययन को निम्न आयाम के द्वारा नियंत्रित करें — वह निम्न आयाम समय है। हर एक दिन, हर एक रात, रात से दिन (Acts 20) जो परमेश्वर करना चाहता है उसके लिए उसे हमारी आज्ञा की आवश्यकता नहीं है। जो भी चीज जो हमारी योजना में सही नही बैठती यदि उसे हमें छोड़ देने की आदत है तो हमे यह देखने की आवश्यकता है कि परमेश्वर क्रिस्चियन की क्या परिभाषा देता है (lukलूका 9:57-62) पांचवें आयाम को चौथे आयाम द्वारा नियंत्रित करने की सोचना एक भयानक गलती है। चलो हम हर शुक्रवार की रात को 7:30 बजे अराधना के लिए इकट्ठे हों यह एक अच्छा आइडिया नही है। शायद ये एक समानता है जो इस साधारण अभ्यास की समस्या को बताने में सहायता करें और हमें उच्च दिशा की और संकेत करे। यीशु के सच्चे चेलों के लिए यह उच्च रास्ता बहुत सारा अभ्यास करना है। यहाँ बहुत से चर्च हैं जो कि इस तरह हर दिन रहते हैं बहुत सारे लोगों के साथ, बच्चों के साथ और व्यवसाय के साथ — चट्टान जैसा मजबूत, यीशु केन्द्रित, बाइबल पर आधारित क्रिश्चियनिटी प्रेम एक आशा किये हुए जीवन से बहुत अधिक है और यह दिन – प्रतिदिन अपना रचनात्मक कथन (Expression) ढूंढ लेता है इसे किसी कार्यक्रम की आवश्यकता नहीं है। इसलिए यह परमेश्वर यीशु तथा उसकी कलीसिया के साथ है। एक प्रोग्राम या योजना रचनात्मक चमत्कारों के लिए बाधा है। मनुष्यों के सुरक्षा के जाल जो वह कार्यकर्मो (Meetings) के रूप में बनाता है वह परमेश्वर के प्रेम को रोकते हैं; यह वास्तव में कोई सहायता नही करते ये केवल सालों साल आत्मिक बच्चों के रूप में टिके रहने में सहायता करते हैं। ये केवल समूहों में रहने की तथा बच्चों, युवकों तथा बड़ों को उत्साह – हीनता में रहने के लिए अनुमति देते हैं जिसको परमेश्वर नहीं स्वीकारता।

इस नई प्रसंविदा में एक पवित्र दिन का होना उतना ही गलत है जितना कि एक जानवर को बलि करना। यह सब पिता को खुश नहीं करता इस प्रसंविदा में जो कि उसने अपने पुत्र के लहू द्वारा हमारे साथ की है। वे दोनों ही इस समान कारण के लिए गलत प्रसंविदा में है। द्रष्टिगत सहायक प्रसंविदा और बाहरी छाया हमारी सहायता करती है देखने में कि पिता बहुत जरूरी था। अब्राहम, मूसा और अन्य पुरानी प्रसंविदा के प्रकार तथा छाया जो थे वो हमारी शिक्षा के लिए उदाहरण थे। यह सभी बाहरी रीतियाँ, मंदिर और बलियाँ और भौतिक भूमि और लड़ाइयाँ – जो भी हुआ था बाइबल कहती है कि वो सब हमे सिखाने के लिए था परमेश्वर के राज्य के बारे में और हमें मसीहा तक तक पहुँचने के लिए। फिर भी परमेश्वर के अनुसार वह प्रसंविदा पुरानी रीती की प्रसंविदा है (Heb 10:5 – 18, 9:8, 8:5-13; Col 2:16-17)

यह अब कुछ है कोई एक। उसका तरीका या मार्ग बहुत अधिक सच्चा और पूरा किया जा सकने वाला है। 10,000 बाहरी शिक्षाओ द्वारा भी जो पूरा नही हो सकता था। इसी कारण परमेश्वर को और उसके क्षेत्र को स्थान और समय के साथ जोड़ना गलत है जितना की एक व्यक्ति का किसी पेड़ या जानवर के समक्ष घुटने टेकना तथा पूजा अर्चना करना। क्यों? क्योंकि यह घोषित की गई आज्ञा को भ्रष्ट कर रहा है परमेश्वर की चीजों को अपने मन की चपलता का विषय बनाकर या समय तथा भौतिक संसार के साथ जोड़ कर।

परमेश्वर के पास कोई (Schedule) समय सारणी नही होगा स्वयं के अतिरिक्त और जो चर्च के मुखिया यीशु द्वारा लिखाया जाएगा। यह केवल उसकी वर्तमान या समसामयिक सोच का विषय होगा न कि कोई समय, सारणी, कोई घडी, बास्केटबाल मैच, गर्मियों की छुट्टियां, असंगत वार्ता, सोने का समय, रूचि का स्तर या रचे गये प्राणियों की सहमती। हमें साधारणत: परमेश्वर को Allow करना चाहिए कि वह सही समय, सही स्थान ( और छोटे या बड़े समूहों में एकत्रित होकर हम क्या करें) चुने। यीशु को निर्णय लेने दें कि कब, कहाँ, कैसे हम इकट्ठे होते हैं यह केवल व्यवहारिक है जी हाँ जरूरी है उनके लिए जो कि चर्च के खड़े हो रहे मुखिया को वर्तमान में सुन रहे हैं। पौलुस ने मात्र व्यक्तिगत जीवन के बारे में कहा जो कि परमेश्वर को नहीं सुनते और न ही उसके दिलों – दिमाग को जानते हैं। आत्मा के द्वारा फिर पौलुस उनके तथा उन लोगों के बीच में अन्तर करता है जो कि वास्तव में केवल परमेश्वर के लिए जी रहे हैं और इसी कारण वो हर चीज का निर्णय लेने के योग्य हैं और यही नही – वो परमेश्वर के दिमाग या बुद्धि को जानते हैं।

(1 कुरिन्थियों 2 – 3:5) वह यह भी कहता था कि हम फरिश्तों का भी निर्णय कर सकते हैं। यह उसकी निर्धारित इच्छा है अपने लोगों के लिए कि वे परमेश्वर के साथ वैयक्तिक रूप से जुड़े और एक दुसरे के साथ भी। प्रभु यीशु मसीह हर मिनिट उनका निर्देशन करते रहें जैसा की एक भौतिक मुखिया भौतिक शरीर का निर्देशन करता है। यह परमेश्वर की नई योजना तथा नये कारारनामे में हमारा भाग्य है, परन्तु हमे उस तरह से जीना होगा। यदि हम उसके अमिट (न मिटने वाली) बुद्धि और उसके योजना के चमत्कारों को देखने के लिए आगे बढ़ रहें है तो हमें जरूरत है सुनने की न कि धार्मिकता पर आधारित कार्यक्रमों की और मुड़ने की। यदि हम मार्गदर्शन या निर्देशन के लिए Guidance के लिए यीशु मसीह को नही सुन रहें हैं तो हमे पक्के तौर पर Schedule (सारणियों) की जरूरत पड़ती है। (यदि हम परमेश्वर की सुन रहें हैं तो हमें सारणियो की जरूरत नही पड़ती।

मैं जानता हूँ कि यह मानना बहुत से लोगों के लिए कठिन है। बहुत से लोगों ने इस दिखाई देने वाले संसार में तथा अपना प्रबंध करने के लिए, उत्पत्ति से बढ़कर कुछ भी अनुभव नही किया है। परमेश्वर के चर्च में प्रतिदिन के कार्यों के लिए परमेश्वर पर विश्वास करना बहुत भयभीत करने वाली बात हो गई है। साधारण सोच का परिणाम बहुत बुरा होता है जैसा कि लाखों परमेश्वर के ईमानदार संतों ने गवाही दी। शायद यह इस बात से जुड़ा है कि हम कैसे बनाते या निर्माण करते हैं। (How we Build)

एक हफ्ते में निर्धारित की गई धार्मिक सभा जो कि एक घर में या धार्मिक सुविधा में हो, न बताई जा सकने वाली हानि उठाती है। उन लोगों का जीवन जो कि बाहरी रूप से नियमित धार्मिक शैली के अनुसार होता है चेतना में शून्य होता है तथा उनकी आत्मिक उन्नति को नहीं होने देता और बच्चे तथा परिवारिक यीशु के शत्रु में खो जाते हैं। बहुत ज्यादा सावधान रहें कि आप कैसा निर्माण करते हैं। क्या होता यदि हमे जीवित मसीह का अनुकरण करना पड़ता जैसा कि चुने गये 12 चेलों ने पहली शताब्दी में किया था। उनकी कितनी सभाएं Calendar पर पर आधारित थीं ? क्या सभाएं जो वे करते थे वह महीने पहले से नियमित की जाती थी या आशा की जाती थी कि यीशु दिखाएँ ? तुम जानते हो कि ये इस तरह से कभी घटित नही हुआ। क्यों? क्योंकि यीशु अपने चर्च का प्रधान या मुखिया था वही निर्णय करता था इसलिए अब भिन्नता क्यों है यदि वह (यीशु ) वास्तविक रूप में जिन्दा है और मरे हुओं में से जी उठा। क्या उसने नहीं कहा कि इस प्रसंविदा की घनिष्ठता जो हमारी उसके साथ है वह उन दिनों से श्रेष्ठ है। (यहुन्ना 14:18-21, 16:7)

यदि हम उसका और उसके मार्ग का अनुसरण करेंगें, हम उसके दिव्य ज्ञान को देखेंगे और जीवन को भी उस मार्ग से जिसका हम निर्माण नही कर सकते। (इफिसियों 3:10) कोई फर्क नही पड़ता कि आयने के सामने उपदेश का कितनी बार अभ्यास किया गया है या अराधना करने वाले नेता ने कितनी भव्य तैयारी की है अपने अभ्यास किये गये गानों की या गानों के मध्य में कितनी आत्मिक बातों की। यह वास्तविक चीज नही है। परमेश्वर हर एक चीज से अपनी दया और लाभ को प्रगट कर सकता है इतना ही नही वह गधे के मुँह द्वारा भी अपनी बात कह सकता है परन्तु इसका मतलब यह नही है कि यह परमेश्वर का एकमात्र चुना हुआ तरीका है। इसका मतलब यह भी नही कि वह उन चीजों से दस गुना से भी अधिक लाभ नही निकाल सकता जो उसके ह्रदय के नजदीक है।

निर्माण करना, नृत्य – निर्देशन, सवेगों का हेर – फेर (सबसे सिर झुके जैसे ही संगती गुरु हो), मनुष्यों की वाकपटुता और शक्तिशाली शब्दों को बनाने की कला – इसमें से कुछ भी जीवनों को नहीं बदलेगा। केवल परमेश्वर यीशु। यदि हम यीशु के मार्ग पर साथ साथ हर दिन जियेंगे। मनुष्य के सबसे बढ़िया प्रगटन (परमेश्वर को स्वर्ग से धरती पर लाने के लिए और हर एक को झटका देना, एक घंटे या दो घंटे के लिए हर रविवार की सुबह) निरन्तरता के फल पैदा नही कर पायेंगे। जैसा कि विश्व के हर देश में, मन्दिरों में, मिटटी के झोपड़ियों तथा धार्मिक सभाओं में ऐसा हो रहा है।

यह इतना महत्त्वपूर्ण नही लगता कि तुम योजनाबद्ध धार्मिक सभाओ को छोड़ दो। कुछ कहते है – इससे क्या हानि हो सकती है ? जब हम सप्ताहिक कार्यक्रमों में शामिल होते है तब हम सब कुछ करते हैं, यह अच्छा है। इसलिए क्या समस्या है ? यदि तुम हमेशा अलग तरह से जियो तब तुम्हे भय होता है कुछ अलग होने का। यदि तुम इसके साथ बड़े हुए हो या तुम्हारे पास अहं (Ego) है या (पेट है) जो केवल तुम्हारे पूर्वजों द्वारा दिए गये पुराने रीती – रिवाजों से मरता है तो तुम हर चीज के साथ Comfortable सुविधाजनक हो, फलों के अलावा। मैं तुम्हे विश्वास दिलाता हूँ कि यह बहुत जरूरी है कि तुम उस तरीके को जानो जो प्रभु यीशु मसीह को चर्च का वर्तमान मुखिया बनने दे जिसकी तुम कल्पना नही करते।

यही नहीं विभिन्न रचनात्मक आयामों की व्याख्या तुम्हे समझ नही आई। परमेश्वर चाहता है कि हम जियें जैसा उसके (परमेश्वर) पुत्र ने किया कुछ भी ऐसा न करना जिसे हमने पिता को करते न देखा। वह (प्रभु) चाहता है कि हम वैयक्तिक रूप में हर मिनिट तथा परमेश्वर के चर्च को (परमेश्वर यीशु) उसके द्वारा जियें। रंगमंच की सामग्री लाभदायक नहीं है परन्तु वह हमें अत्याधिक क्षीण बनाती है परमेश्वर की बुलाहट, उसके निर्देशन उसकी शिक्षा, उसकी सुरक्षा तथा उसके वरदानों के प्रति। ध्यान दें युवकों और अत्याधिक मात्रा की स्वतन्त्रता, सांसारिक लोभ और खमीर जो कि सही रास्ता प्रतीत होता है मनुष्य उत्पाद के लिए।

यह सम्पूर्णतः विश्वास दिलाने योग्य है कि यदि हम इमानदार हैं और यदि माह फ़िक्र करते हैं कि हम ने बहुत खराब (Poor) निर्माण किया है सालों साल तक । क्या तुम इस बिंदु (Point) या बात पर पुनर्विचार करोगे ? क्या तुम ध्यान दोगे कि जो सारणी Calendar पर धार्मिक गतिविधि को नियमित किया गया है, कोई फर्क नहीं पड़ा सप्ताह का क्या दिन यदि वे नियमित हैं या व्यवस्थित हैं प्रोग्रामों की सूचि के रूप में तब वह बाइबल के अनुसार नही हैं जैसे कि तुम्हे पहले से और हमेशा बताया गया। (गलतियों 4:9-11) यहाँ कुछ गंभीर आयत है जो तोड़ रही है नए नियम में – रविवार का दिन एक अधिकारी पवित्र दिन था इस बात को। चर्च के 60 सालों में जो बाइबल हमे देती है, शब्द ‘रविवार’ (हफ्ते का पहला दिन), केवल (2) बार ही चर्चा में आया है और न ही समय यह प्रदर्शित करता है किसी अधिकारी क्रिस्चियन अराधना सेवा दिवस को। न ही यहाँ पवित्र आत्मा द्वारा कोई जानकारी (Record) है किसी भी दिन का जिसे नई प्रसंविदा में अलग रखा गया क्रमानुसार नियमित (Regularly Scheduled) दिन के रूप में किसी भी चीजों के लिए। प्रभु यीशु मसीह अपने चेलों के साथ किसी भी नियमित बुद्धवार की रात को नही मिलते थे यशायाह की पुस्तक को अध्ययन करने के लिए – क्या वह करते थे ? न ही परमेश्वर के दूतों (Apostles) ने ऐसा किया हफ्ते के किसी (Any) दिन में। जब तक कि पवित्र आत्मा इसे नही बताता था। 60 सालों में “उसने” मनुष्यों को लिया हमें यह सिखाने के लिए ‘वह’ (परमेश्वर) कौन है? और चर्च कैसा होना चाहिए। उस समय कोई भी नियमित या निर्धारित की गई धार्मिक सभाओं की जानकारी नही मिलती

और (प्रेरित 20) और (1 कुरिन्थियों 16) दो बार सप्ताह के पहले दिन की चर्चा है और यह निश्चित रूप से नियमित रविवार सेवा (Regular Sundey Service) के उदाहरण नही हैं। ये पृथक विशिष्ट घटनाएं हैं विशेष तर्क के लिए। यहाँ कोई भी यीशु या उसके प्रेरितों Apostles की शिक्षा नही है जो प्रमाणित करें एक नियमित या पवित्र दिन को क्रिस्चियनों के लिए, रविवार या अन्य दिन में। बाइबल में पवित्र आत्मा द्वारा न चर्चित किये गये नियमित क्रिस्चियन सर्विस जिसका अनुसरण वर्तमान में क्रिस्चियन जैसा कर रहे है यह अदभुत है। आज सामान्यतः जिसे चर्च कहा जाता है वह कोई भी प्रतिरूप नही रखते जो कि इंजील में दी गई है। एक भयानक सोच है।

यद्धपि यह तुम्हे महत्वपूर्ण नही लगता, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि आप अपनी जिन्दगी एक (Wheel Chair) अपाहिज वाली चके लगी कुर्सी पर सवार होकर काट रहे हो, आप कभी भी दौड़ना और कूदना नही सीखोगे। इसके अलावा खमीर पूरे समूह को खमीरा कर देता है। उन्नति प्राप्त करना, सारणीयाँ, प्राचीन (पुरोहित का शासन) जिस प्रकार विषाणु गर्म, अँधेरे तथा नम स्थान को पसन्द करता है अपने समूह को खमीर न दें अथवा शत्रु के लिए (Launching Pad = शत्रु के लिए उपयुक्त वातावरण) अपने प्रियो का नाश करने के लिए न बनने दें। और अपने जीवन को अपरिपक्व अवस्था में मिलाना जो कि ‘फलों की कमी’ से सम्बंधित है। यह केवल वही है जो हम कर रहे हैं मानवीय बुद्धि तथा सहमती के साथ कई सालों से या हम निर्भर रहते हैं उसके (परमेश्वर) के ऊपर, हर एक शब्द पर जो निरंतर उसके (परमेश्वर) के मुख से निकलते हैं। जरूरत नही है रुढ़िवादी या प्राचीन उधार ली गई या मांगी गई Wheel Chairs की जो दुनियावी है। रंगमंच की सामग्री को हटाना हमें अनुमति देता है यह देखने की हम वास्तव में क्या है और दूसरे वास्तव में क्या है? इस तरह हम पूरी तरह से, वास्तविक तौर पर एक दूसरे के लिए तथा परमेश्वर के लिए उपयोगी हो सकते हैं यह बहुत ही आनन्ददायी होगा यदि हम मसीह के साथ बैठेंगे और रहेंगे “उसकी” वास्तविकता के साथ और अपने जीवन को Calendar समय या दुनिया के द्वारा शासित होने की होने की अनुमति नही देंगें इसे Try करें। आपके पास दुनिया को खोने के अलावा कुछ नहीं होगा और शायद आपके पास अपने बच्चे और पूर्ण विरासत प्राप्त करने को होगी।

यीशु ने उत्तर दिया – मेरी बात की प्रतीति कर कि वह समय आता हैं कि तुम न तो इस पहाड़ पर पिता का भजन करोगे न यरूशलेम में। परन्तु वह समय आता है वरन अब भी है जिसमे सच्चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्चाई से करेंगे क्योंकि पिता अपने लिए ऐसे ही भजन करने वाले को ढूंढता है। परमेश्वर आत्मा है और अवश्य है कि उसके भजन करने वाले आत्मा और सच्चाई से भजन करें।

Apostle Rakesh Lal /9981098303

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