खमीर क्या है?

“यीशु ने उन से कहा, देखो; फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना।”

“तब उन को समझ में आया, कि उस ने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से चौकस रहने को कहा था।” Matthew 16:6…….12

भाइयो और बहनों

ये फरीसियों और सदूकियों का और इनकी शिक्षाओ का क्या मतलब है ये तो इस्राइल में पाए जाते थे

इस वचन को लोग कहेंगे कि भारत के लिए नही है क्योंकि फरीसी और सदूकी
भारत में नही पाए जाते हैं ये सच बात है

लेकिन यीशु को मालुम था कि मेरे जाने के बाद गलत शिक्षाए लोगो को भरमाने के लिए फैलेंगी इस लिए यीशु ने पहले ही बता दिया था

भारत में फरीसी और सदूकी नही पाए जाते है

लेकिन फरीसी और सदूकी दुष्ट आत्माए भारत में और पूरे विश्व में पायी जाती है

और इनका प्रभाव 44000 से भी ज्यादा Denominations और उनकी अपनी – अपनी Doctrine हैं

यानि इन 44000 चर्चों के सिद्धान्तों में देखने को मिलता है

इनके सिद्धांत बाइबल पर ही आधारित होते हैं लेकिन कुछ वचनों को आधार (बेस) बनाया जाता है

उस वचन पर ही ज्यादा जोर दिया जाएगा

और बाकी वचनों यानी ( मसीह की सभी शिक्षाओ को) नही मानते और न ही उनको फॉलो करने को बोला जाता है क्यों ? ये कोन सी आत्मा का काम है

इन चर्चो में रीती – रिवाज और विधियों – क्रिया कलापों पहनावों पर जो चर्च के सिद्धांत है उनको मानने पर ज्यादा जोर दिया जाता है और इन बातो का कड़ाई से पालन करते है ठीक जैसे फरीसी और सदूकी

ऐसे चर्च के लोग अपना परिचय भी चर्च के नाम से देते है

जैसे ( मै …………….. चर्च का हूँ )

ये क्यों नही बोलते कि मै मसीही हूँ ? लेकिन ऐसा कोई नही बोलता है

फरीसी और सदूकी की दुष्ट आत्माओ ने मसीही लोगों को सत्य से भटका दिया है और अलग अलग चर्चो में बाँट दिया है क्यों ? ये कोंन सी आत्मा का काम है

प्रमाण है सभी चर्च कभी इकट्ठा नही होते हैं क्यों ?

एक कलीसिया के लोग दूसरी कलीसिया के लोगों से नही मिलते और न ही सहभागिता करते क्योंकि इनके सिद्धांत अलग अलग है मेल नही खाते क्यों ? ये काम किस आत्मा का है

जबकि बाइबल में मेल मिलाप से रहने और एक मन रहने के विषय में जोर देती है
और ऐसा नही है तो कोन सी आत्मा का काम है आप सोचें ?

मसीहियो के बीच में (Doctrine) सिद्धान्तों की दीवार

यही है फरीसियों और सदूकियों के खमीर जिसने लोगो के जीवन को नष्ट कर दिया है

उदाहरण के तोर पर ले :-

लगभग Denominations के लोग मरकुस 16:15,16 को मानते है?

ये दो आयतें इनकी ( Doctrine) सिद्धांत में हैं :-

“और उस ने उन से कहा, तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो।”

“जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास ने करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।”

लेकिन इन्ही दो आयतों के बाद की दो आयतों को नही मानते और न ही चर्च में पढ़ाते हैं

“और विश्वास करनेवालों में ये चिन्ह होंगे कि वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे।”

“नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जांए तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।” मरकुस 16:17,18 में विश्वासियो के चिन्ह बताये है

जबकि ये वचन यीशु ने कहा है और ये वचन यीशु का नही पिता का है
और वचन ही स्वयं यीशु है तो कितना महत्त्वपूर्ण है JOHN 12:44…50 / JOHN 14:21,23

मरकुस 16:17,18 के चिन्ह पवित्र आत्मा पाए हुए व्यक्तियों में पाए जाते हैं

जिस पवित्र आत्मा के विषय में यीशु ने कहा लूका 11:13/ Luke 12:11,12/ लूका 24:49 / युहन्ना 3:3..7 / युहन्ना 7:37….39 / युहन्ना 14:26 / यहुन्ना 15:26 / युहन्ना 16:7….11 / यहुन्ना 16:13…15 / प्रेरितों के काम 1:4,5,8

ये वचन यीशु के द्वारा पवित्र आत्मा के विषय में कहे इनको ये 44000 Denominations नही मानते

इन चर्चों के विश्वासियों में मरकुस 16:17,18 के चिन्ह नही पाए जाते तो ये कैसे विश्वासी है ?

क्या कोई यीशु की आज्ञा का उलंघन कर के स्वर्ग जा सकता है ?

“मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो मुझ पर विश्वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूं वही भी करेगा, बरन इन से भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूं।” यहुन्ना 14:12

यीशु ने जब ये बाते कही है “कि जो मुझ पर विश्वास करेगा ये काम जो मैं करता हूं वही भी करेगा,”

44000 Denominations के लोगों के द्वारा यीशु जैसे काम नही होते क्यों ?

तो ये कैसे विश्वासी है ? जरा सोचे

अगुवे और कलीसिया यीशु की आज्ञा को क्यों नही मानते ?

क्या ये फरीसियों और सदूकियों के खमीर का प्रभाव नही है ?

फरीसियों और सदूकियों की दुष्टात्माए यीशु की आज्ञा को मानने से रोक रही है

अंधे अगुओ की अगुवाई में बिना उद्धार पाए आत्माए नष्ट हो रही है

यशायाह 9:15 पुरनिया और प्रतिष्‍ठित पुरुष तो सिर हैं, और झूठी बातें सिखानेवाला नबी पूँछ है; 

16 क्योंकि जो इन लोगों की अगुवाई करते हैं वे इनको भटका देते हैं, और जिनकी अगुवाई होती है वे नष्‍ट हो जाते हैं। 

इसलिए सावधान हो जाए बाइबल को पढ़े और सही अगुए और सही कलीसिया का चुनाव करे

और अपने को भी बचाए और अपने घराने को भी बचाए

नहीं तो आपके साथ आपका घराना भी नष्ट हो जायेगा

Apostle Rakesh Lal / 9981098303

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